Hindi Shayari For Facebook WhatsApp and Instagram 2024

Hindi Shayari

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  • दो ”हिस्सों” में बंट गए हैं.. मेरे दिल के #तमाम अरमान,

    कुछ तुझे पाने-निकले.. तो कुछ मुझे ‘समझाने’ निकले..



  • आप ही मेरी_जिन्दगी है, आप ही मेरी_जान है,

    आप मिल जाएँ यहीं #जिन्दगी का अरमान है.



  • ताले लगा दिए “दिल” को अब उसका अरमान नहीं,

    बंद होकर फिर खुल जाए ये कोई #दुकान नहीं…



Hindi Shayari



  • हज़ारों #ख़्वाहिशें ऐसी कि हर “ख़्वाहिश” पे दम निकले

    बहुत निकले मेरे ”अरमान” लेकिन फिर भी कम निकले.



  • दिल के “अरमान” को दिल मे सुला ना ”देनाअपनी” खूबसूरत आँखो को रुला ना #देनाकल किसने देखा है आख़िरहम ना रहे तो हमे_भुला ना देना.



  • ज़रा सी #ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं,

    हमदर्द नहीं कोई, “इंसान” बहुत हैं,

    दिल के दर्द_सुनाएं तो किसको,

    जो दिल के करीब है, वो #अनजान बहुत हैं.



  • चले थे दो #कदम याद रखना,फिर

    मिलेंगे_दिल में ये अरमान रखना,

    भूल ना जाना कुछ #वक़्त बाद हमे,

    कुछ बीते_दीनो का साथ याद रखना..



Hindi Status



  • हजारों “ताले” लगा दिए दिल पर अब बचा कोई_अरमान नहीं,

    बंद होकर फिर खुल_जाए ये कोई दुकान नहीं,



  • दिल का #अरमान पल-पल बढ़ता है,

    ना ये दिल “ठहरता” है ना तेरा ”इतंजार” रूकता है.



  • ज़िन्दगी से “ज्यादा” बस इतनी फरमाइश है की अब #तस्वीर से नहीं तफसील से मिलने की #ख्वाइश है |



  • तेरी नीली #आँखो का मैं काजल बन जाऊं,

    तेरी आँखों में ”आँसू” का मैं बादल बन जाऊं,

    ख्वाहिश तो मेरी हर पल है इतनी,

    तेरे रस्ते के काँटों का मैं #चादर बन जाऊं



  • अगर हो “वक़्त” तो मुलाकात कीजिये,

    दिल कुछ कहना चाहे कुछ बात कीजिये,

    यूँ तो मुश्किल है “हमसे” दूर रहना,

    पर एक लम्हा मिले तो हमें याद कीजिये।

 



  • पलकों में ”कैद” रहने दो सपनो को,

    उन्हें तो #हकीक़त में बदलना है,

    इन आँखों की तो एक ही #तमन्ना है,

    की हर वक़्त आपको_मुस्कुराते देखना है



  • अगर हो “वक़्त” तो मुलाकात कीजिये,

    दिल कुछ कहना चाहे_कुछ बात कीजिये,

    यूँ तो मुश्किल है हमसे दूर रहना,

    पर एक लम्हा “मिले” तो हमें याद कीजिये।



  • मेरी_जिद, मेरा अरमान है तू,

    मैं अधूरा हूँ तेरे बिन, मेरी #पहचान है तू..



  • हज़ारों #ख्वाहिशें ऐसी की हर “ख्वाहिश” पे दम निकले,

    बहुत निकले मेरे अरमान_लेकिन फिर भी कम निकले।



  • तुम्हारे-जाने के बाद

    ज़िंदगी वहीं-रुकी हुई है

    हमने पलकों तले जाने कितने

    एहसास #छुपा रक्खे हैं



  • दिल मे कुछ_अरमान थे मगर ”बेदर्द” इंसान थे,

    अपना ‘गुजारा’ कैसे होता कांच का दिल था #पत्थर के मकान थे।



  • ज़िंदगी _अभिशाप भी,

    वरदान भी #ज़िंदगी दुख में पला अरमान भी कर्ज़ “साँसों” का चुकाती जा रही

    ज़िंदगी है ‘मौत’ पर अहसान भी



  • अर्ज किया है

    तुमसे अब_कुछ रिश्ता ऐसा है,

    न नफरत है न, #इश्क़ पहले जैसा है।



  • ये दिल ना #किसीका अर्ज करता है नाही जिक्र

    ना किसीको दर्ज और ”नाही” किसी की फ़िक्र..

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