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osho thoughts shayari
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तुम्हारे लिए ये बात भी सीखने जैसी है की , तुम्हारे बिना भी ये दुनिया चलेगी
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मनुष्य का जीवन इतना अशांत है , कि शान्ति भरी आँखें , आनंद भरा हृदय और प्रेम भरा जीवन दिखाई ही नहीं देता है ।
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तनाव का अर्थ है कि आप कुछ और होना चाहते हैं जो कि आप नहीं है ।
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‘ ठोकरे खाकर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब , वरना पत्थरों ने अपना फर्ज निभा ही दिया था
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सत्य बाहर की कोई चीज नहीं है जिसे खोजा जाना है, यह कुछ ऐसा है जिसे महसूस किया जाना है। ओशो
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कोई आदमी चाहे लाखों चीजें जान ले , चाहे वह पूरे जगत को जान ले । लेकिन अगर वह स्वयं को नही जानता है तो वह अज्ञानी है ।
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कार्बन कापियां सदा कुरूप होती हैं मौलिक बनो
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मैं दूसरों की दृष्टि में क्या हूं यह महत्वपूर्ण नहीं है । महत्वपूर्ण यह है कि मैं अपनी स्वयं की दृष्टि में क्या हूं ।
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मृत्यु तो उस दिन से दस्तक देना शुरू कर देती है जिस दिन तुम पैदा होते हो
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कौन क्या कर रहा है , कैसे कर रहा है , क्यों कर रहा है , इन सब से आप जितना दूर रहेंगे उतना ही खुश रहेंगे ।
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सारा खेल तुम्हारा है , तुम्ही हो नाटक के लेखक , तुम्ही हो उसके पात्र , तुम्ही हो उसके दर्शक |
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इस संसार में जिनको तुम नास्तिक मानते हो , वे ही लोग है , जो वापस लौट गए है ।
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मनुष्य का जीवन इतना अशांत है , कि शान्ति भरी आँखें , आनंद भरा हृदय और प्रेम भरा जीवन दिखाई ही नहीं देता है …
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मै ही भारी पड़ा जमाने पर ; तीर फिर लग गया निशाने पर ….. कितनी नाराज़ है अँधेरी रात ; एक जुगनू के टिमटिमाने पर
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दो तरह से रस संभव है या तो तुम पागल हो जाओ या तुम जाग जाओ -ओशो